How to Plan Your Journey to Jim Corbett National Park RAMNAGAR

जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए अपनी यात्रा का प्रबंध कैसे करे
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय अभयारण्य रामनगर नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन करना न भूले

यदि आप अपने बच्चो के साथ कही घूमने का कार्यक्रम बना रहे है और आपके मन में जिम कॉर्बेट नाशनक पार्क के बारे में जानने की इच्छा है तो हम आपको सुझाव देंगे की आप अपने बच्चो को इस पार्क कर प्राकृतिक सुंदरता और बन्य जीवो से रूबरू जरूर कराये और उन्हें प्रकृति के प्रति जागरूक करे ताकि आने वाले भविस्य में आपके बच्चे भी इस प्रकृति व बन्य जीवो के संरक्षण के लिए कार्य कर सके क्यों की मनुष्य जीवन के लिए इसका बचे रहना बहुत जरुरी है आइये हम आपको इसके बारे में कुछ बताते है

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है और १९३६ में लुप्तप्राय बंगाल बाघ की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाघ परियोजना पहल के तहत आने वाला यह पहला पार्क था। यह एक गौरवशाली पशु विहार है। यह रामगंगा की पातलीदून घाटी में १३१८.५४ वर्ग किलोमीटर में बसा हुआ है जिसके अंतर्गत ८२१.९९ वर्ग किलोमीटर का जिम कॉर्बेट व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र भी आता है।
पार्क में उप-हिमालयन बेल्ट की भौगोलिक और पारिस्थितिक विशेषताएं हैं। यह एक इकोटोरिज़्म गंतव्य भी है और यहाँ पौधों की 488 प्रजातियां और जीवों की एक विविधता है। पर्यटन की गतिविधियों में वृद्धि और अन्य समस्याएं पार्क के पारिस्थितिक संतुलन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रहीं हैं।
कॉर्बेट एक लंबे समय के लिए पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अड्डा रहा है। कोर्बेट टाइगर रिजर्व के चयनित क्षेत्रों में ही पर्यटन गतिविधि को अनुमति दी जाती है ताकि लोगों को इसके शानदार परिदृश्य और विविध वन्यजीव देखने का मौका मिले। हाल के वर्षों में यहां आने वाले लोगों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। वर्तमान में, हर मौसम में 100000 से अधिक आगंतुक पार्क में आते हैं।

कॉर्बेट नेशनल पार्क में ५२०.८ वर्ग किमी (२०१.१ वर्ग मील) में पहाड़ी, नदी के बेल्ट, दलदलीय गड्ढे, घास के मैदान और एक बड़ी झील शामिल है। ऊंचाई १,३०० से 4,००० फीट (४०० से १,२२० मीटर) तक होती है। यहाँ शीतकालीन रातें ठंडी होती हैं लेकिन दिन धूपदार और गरम होते हैं। यहाँ जुलाई से सितंबर तक बारिश होती है।
घने नम पर्णपाती वन में मुख्य रूप से साल, हल्दु, पीपल, रोहिनी और आम के पेड़ होते हैं। जंगल पार्क का लगभग 73% हिस्सा घेरते हैं, इस क्षेत्र में 10% घास के मैदान होते हैं। यहाँ ११० पेड़ की पप्रजातियाँ, ५० स्तनधारियों की प्रजातियाँ, ५८० पक्षी प्रजातियां और २५ सरीसृप प्रजातियां हैं।

पशु

पार्कयहाँ पर शेर, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरन, चीतल, साँभर, पांडा, काकड़, नीलगाय, घुरल और चीता आदि 'वन्य प्राणी' अधिक संख्या में मिलते हैं। इसी तरह इस वन में अजगर तथा कई प्रकार के साँप भी निवास करते हैं। जहाँ इस वन्य पशु विहार में अनेक प्रकार के भयानक जन्तु पाये जाते हैं, वहाँ इस पार्क में लगभग ६०० रंग - बिरंगे पक्षियों की जातियाँ भी दिखाई देती हैं। यह देश एक ऐसा अभयारण है जिसमें वन्य जन्तुओं की अनेक जातियाँ - प्रजातियों के साथ पक्षियों का भी आधिक्य रहता है। आज विश्व का ऐसा कोई कोना नहीं है, जहाँ के पर्यटक इस पार्क को देखने नहीं आते हों।
अंग्रेज वन्य जन्तुओं की रक्षा करने के भी शौकीन थे। सन् १९३५ में रामगंगा के इस अंचल को वन्य पशुओं के रक्षार्थ सुरक्षित किया गया। उस समय के गवर्नर मालकम हेली के नाम पर इस पार्क का नाम 'हेली नेशनल पार्क' रखा गया। स्वतंत्रता मिलने के बाद इस पार्क का नाम 'रामगंगा नेशनल पार्क' रख दिया गया। स्वतंत्रता के बाद विश्व में जिम कार्बेट नाम एक प्रसिद्ध शिकारी के रूप में फैल गया था। जिम कार्बेट जहाँ अचूक निशानेबाज थे वहीं वन्य पशुओं के प्रिय साथी भी थे। कुमाऊँ के कई आदमखोर शेरों को उन्होंने मारकर सैकड़ों लोगों की जानें बचायी थी। हजारों को भय से मुक्त करवाया था। गढ़वाल में भी एक आदमखोर शेर ने कई लोगों की जानें ले ली थी। उस आदमखोर को भी जिम कार्बेट ने ही मारा था। वह आदमखोर गढ़वाल के रुद्र प्रयाग के आस-पास कई लोगों को मार चुका था। जिम कार्बेट ने 'द मैन ईटर आॅफ रुद्र प्रयाग' नाम की पुस्तकें लिखीं।
भारत सरकार ने जब जिम कार्बेट की लोकप्रियता को समझा और यह अनुभव किया कि उनका कार्यक्षेत्र बी यही अंचल था तो सन् १९५७ में इस पार्क का नाम 'जिम कार्बेट नेशनल पार्क' रख दिया गया और जिम कार्बेट नेशनल पार्क जाने वाले पर्यटक इसी मार्ग से जाते हैं। नैनीताल से आनेवाले पर्यटक इस संग्रहालय को देखकर ही आगे बढ़ते हैं।
जिम कार्बेट
जिम कार्बेट का पूरा नाम जेम्स एडवर्ड कार्बेट था। इनका जन्म २५ जुलाई १८७५ ई. में हुआ था। जिम कार्बेट बचपन से ही बहुत मेहनती और नीडर व्यक्ति थे। उन्होंने कई काम किये। इन्होंने ड्राइवरी, स्टेशन मास्टरी तथा सेना में भी काम किया और अनेत में ट्रान्सपोर्ट अधिकारी तक बने परन्तु उन्हें वन्य पशुओं का प्रेम अपनी ओर आकर्षित करता रहा। जब भी उन्हें समय मिलता, वे कुमाऊँ के वनों में घूमने निकल जाते थे। वन्य पशुओं को बहुत प्यार करते। जो वन्य जन्तु मनुष्य का दुश्मन हो जाता - उसे वे मार देते थे।
जिम कार्बेट के पिता 'मैथ्यू एण्ड सन्स' नामक भवन बनाने वाली कम्पनी में हिस्सेदारा थे। गर्मियों में जिम कार्बेट का परिवार अयायरपाटा स्थित 'गुर्नी हाऊस' में रहता था। वे उस मकान में १९४५ तक रहे। ठंडियों में कार्बेट परिवार कालढूँगी वाले अपने मकान में आ जाते थे। १९४७ में जिम कार्बेट अपनी बहन के साथ केनिया चले गये थे। वे वहीं बस गये थे। केनिया में ही अस्सी वर्ष की अवस्था में उनका देहान्त हो गया।

जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए अपनी यात्रा का प्रबंध कैसे करे
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का आनंद आप वैसे तो साल भर ले सकते है किन्तु नवंबर से जुलाई के महीनो में भीड़ भाड़ ज्यादा रहती है
जिम कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए वैसे तो देश भर में हर शहर में ट्रेवल एजेंट है और ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल भी काम कर रहे है किन्तु आप सीधे होटल या स्थानीय टूर गाइड से संपर्क करके अपना समय व पैसा बचा सकते है
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचने के लिए दिल्ली से रामनगर रेलगाड़ी मोटर मार्ग से 5 घंटे में पंहुचा जा सकता है और हवाई मार्ग से दिल्ली से पंतनगर और वह से टैक्सी से पहुँचा जा सकता है कॉर्बेट पार्क ढिकाला के लिए ऑनलाइन बुकिंग होती है जो की बहुत पहले करनी होती है और ज्यादा डिमांड के चलते सभी को यहाँ रहने का सौभाग्य नहीं मिल पता है अतः जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे हुए भूभाग जैसे ढिकुली गर्जिया मोहन क्षेत्र में कई रिसोर्ट उपलब्ध है जिसमे रहने के लिए आप सीधे संपर्क कर बुकिंग कर सकते है तथा जंगल जीप सफारी और एलीफैंट सफारी का आनंद लेना चाहे तो इसकी बुकिंग भी इन्ही होटल रिसोर्ट से ही करना बेहतर व सुरक्षित तरीका हो सकता है तथा होटल रिसोर्ट या टूर गाइड के माध्यम से की गई बुकिंग से आपको समय व पैसे की बचत के साथ साथ घूमने के लिए भी ठीक मार्गदर्शन मिलेगा और स्थानीय स्तर पर सहयोग भी मिलेगा. जबकि जब आप अपने शहर के एजेंट या ट्रेवल पोर्टल से बुकिंग करते है तो आपको एक तो एजेंट या ट्रेवल पोर्टल का कमीशन भी देना होता है जिसका आपको पता नहीं चल पाता है और फिर आपको हर बुकिंग पर अलग अलग कमीशन देना होता है इसे यु समझ सकते है की तेल तो तिल से ही निकलता है कोई भी फ्री में काम करने नहीं बैठा है इसीलिए आपको सीधे रिसोर्ट के माध्यम से बुकिंग करने की सलाह दी जा रही है बाध्यता नहीं है केवल मार्गदर्शन के लिए सुझाव है होटल रिसोर्ट बुक करने हेतु आप निम्न पते पर संपर्क कर सकते है
https://g.page/Bigcatcorbett?share


यह कोसी नदी के पास एक अच्छा व सस्ता आवास सुविधा उपलब्ध है यहाँ पर आपको अलग से कोसी नदी पर नदी पर करना व नदी में नहाना आदि सुविधा सुशिक्षित व रेजिस्टर्ड नेचर गाइड की उपस्थिति में बिना किसी अतिरक्त भुगतान के मिल सकती है जबकि अन्य किसी जगह से बुकिंग करने पर आपको इसके लिए २०० से ३०० प्रति ब्यक्ति भुगतान करना पड़ सकता है और आपका जोखिम भी ज्यादा रहेगा www.bigcatcorbett.com  and  www.corbettjungleinn.com

https://g.page/Corbettjungleinn?share

यदि आपको ढिकाला या कॉर्बेट पार्क के अंदर फारेस्ट रेस्ट हाउस की बुकिंग नहीं मिल पति है और आप जंगल में रहना चाहते है जहा पर आपको जंगली जानवर पक्षी व नदी आदि के paas रहने का मौका मिले तो आपके लिए www.corbettjungleinn.com कॉर्बेट जंगल इन् रानीखेत रोड मोहान बेहतर रात्रि विश्राम गृह हो सकता है यहाँ पर आपको नदी के किनारे सबसे बड़े रिज़र्व फारेस्ट में रहने का मौका मिल सकता है और जंगली जानवरो को नजदीक से देखने का सौभाग्य मिलेगा यह स्थान पूर्ण रूप से सुरक्षित है और आपके बजट में फिट बैठ सकता है तथा खानपान रहन सहन की सुविधा के आलावा प्रशिक्षित नेचर गाइड के देखरेख में आपको नदी पर करना नदी में नहाना और नेचर वाक आदि की सुविधा आपके होटल खाने की बुकिंग के साथ मिल जाएगी अलग से कुछ नहीं देना होगा अन्यथा पोर्टल या ट्रैवल एजेंट से बुकिंग करने पर आपको २०० से ३०० प्रति व्यक्ति तक इन एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए देना पड़ सकता है
www.corbettjungleinn.com

इसके आलावा आप सम्पूर्ण पैकेज के लिए या उत्तराखंड के अन्य जगह के लिए भी हमारा मार्गदर्शन ले सकते है हम आपकी सेवा में सदैव उपलब्ध 

EMAIL-CORBETTROOMS@GMAIL.COM
www.corbettrooms.com

DELHI OFFICE
Uttaranchal Tour Package
V-3, Netaji Nagar Market, Behind S. N. Depot.
New Delhi 110023

You may also like...

(6) Comments

  1. gralion torile

    Yay google is my queen aided me to find this outstanding web site! .

    1. admin

      Thank you very much for your comments please visit our youtube channel 
      https://m.youtube.com/watch?v=P7l1zMadotY
      where you will see actual vedio of forest, wildlife birds or real magical call of the wild, you will consider your next tour to Jim Corbett National Park, India  please plan Your visit to a land of god, land of adventure, land of wildlife, land of biggest reserve forest, birds etc really heaven in the earth 😀😀🙏🙏🙏🙏🙏
      whattsup number 91 7830963088

  2. zoritoler imol

    Wonderful items from you, man. I have bear in mind your stuff previous to and you are simply too wonderful. I actually like what you’ve bought here, certainly like what you’re saying and the best way in which you are saying it. You make it enjoyable and you still care for to stay it sensible. I cant wait to learn much more from you. That is actually a wonderful site.

    1. admin

      Thank you very much for your comments please visit our youtube channel 
      https://m.youtube.com/watch?v=P7l1zMadotY
      where you will see actual vedio of forest, wildlife birds or real magical call of the wild, you will 100% consider your next tour to Jim Corbett National Park, India  whattsup number 91 7830963088 .

  3. Mark

    Thanks for your blog, nice to read. Do not stop.

  4. zoritoler imol

    Hi, just required you to know I he added your site to my Google bookmarks due to your layout. But seriously, I believe your internet site has 1 in the freshest theme I??ve came across. It extremely helps make reading your blog significantly easier.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *